Kafan (Hindi)
Kafan (Hindi)
Couldn't load pickup availability
कफ़न
"कफ़न" (जिसे "द शroud" भी कहा जाता है) भारतीय लेखक मुल्क राज आनंद द्वारा 1935 में प्रकाशित एक लघु कथा है.
कथानक
कथा घीसू, एक गरीब और बूढ़े ब्राह्मण, और उसके बेटे माधव के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपनी आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जब घीसू की पत्नी की मृत्यु हो जाती है, तो वह और उसका बेटा उसकी मृत्यु पर शोक करने के बजाय दाह संस्कार के खर्चों के बारे में अधिक चिंतित होते हैं.
विषय
- *गरीबी और सामाजिक असमानता*: कहानी भारतीय समाज में निम्न जातियों और गरीबों के संघर्षों को उजागर करती है।
- *नैतिक पतन*: पात्रों की प्राथमिकताएं और कार्य नैतिकता और पारंपरिक मूल्यों के क्षरण के बारे में प्रश्न उठाते हैं।
महत्व
- *सामाजिक टिप्पणी*: "कफ़न" को 20वीं सदी की शुरुआत में भारत की निम्न जातियों की सामाजिक और आर्थिक स्थितियों पर एक शक्तिशाली टिप्पणी माना जाता है।
- *साहित्यिक प्रभाव*: कहानी का व्यापक रूप से अध्ययन और प्रशंसा की गई है इसके विचारोत्तेजक विषयों और मानवीय पीड़ा के मार्मिक चित्रण के लिए।
Share
